रविवार, 22 जनवरी 2012

विश्वास

विश्वास वह शब्द है ,जो पत्थर को प्राण देता है
विश्वास वह आभास है जो दृष्टि मे दिखाई देता है
विश्वास वचन,कर्म है ,विश्वास युगीन धर्म है
विश्वास वह अहसास है,कोसो दूर से सुनाई देता है

विश्वास जब साकार होता ,आकार स्वप्न लेता है
विश्वास बिखर जाने का ,दर्द गहरा होता है
विश्वास एक उल्लास है , विश्वास ही उपवास है
विश्वास शून्य मानव तो, जीवन का मर्म खोता है

पतवार पर विश्वास कर,नाविक नाव खैता है
विश्वास वह श्वास है जो नित्य मानव लेता है
विश्वास सत्संकल्प ,जिसका न कोई विकल्प है
प्रयास पर विश्वास से ,हर संकल्प पूर्ण होता है


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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज