tag:blogger.com,1999:blog-5600030300843852756.post3719229867690096368..comments2024-01-30T19:58:40.392-08:00Comments on Srijan: चाँद मेरा क्यों हो गया उदास हैrajendra sharmahttp://www.blogger.com/profile/06489733027658447636noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5600030300843852756.post-19240828723593489482012-02-11T21:59:57.524-08:002012-02-11T21:59:57.524-08:00भावना विह्वल हुई ठिठुरता हर दर्द हैहिम हुई कल्पन...भावना विह्वल हुई ठिठुरता हर दर्द है<br>हिम हुई कल्पनाये ,दुबका हुआ सौहार्द है <br><br>भावों और शब्दों का सफल संयोजन !mahendra vermahttp://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5600030300843852756.post-10899324476164641102012-02-08T08:09:24.873-08:002012-02-08T08:09:24.873-08:00रास्ते भी है कंटीले ,हर तरफ है विष बेले फूलो के भी...रास्ते भी है कंटीले ,हर तरफ है विष बेले <br>फूलो के भीतर छुपे है नाग है जो जहरीले<br>लुप्त होती जा रही विश्वास पर टिकी आस है<br>Wah! Bahut khoob!kshamahttp://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.com