आज वहा उजड़े कई घर है
बिखरे परिवार है
कुछ लोग जो कल तक जीवित थे
गुमशुदा या विदा है
ऊँची -ऊँची अट्टालिकाएं
जो कल तक थी इतरा रही
हो गई कुछ ढेर
जो बची है वे हो जायेगी ढेर देर -सबेर
एक बच्चा और एक औरत
तलाशते है सामान को
मिल जाए टूटे घर में से
कुछ बरतन खान पान को
पर मिलता नहीं यह कुछ
मिलता है मलबे के ढेर में
एक माँ को बेटे का
एक बेटे को माँ का
एक पत्नी को पति का शव
रोते बिलखते परिवार
बच्चो की किलकारिया
ममता से वंचित शैशव
हृदय विदारक पंक्तियाँ..
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