सोमवार, 19 जुलाई 2021

ऊँचे ऊँचे लोग

उसके गुण का गान करो , जिसमे हो संस्कार 
कर्मठता का मान करो , कर्मो का सत्कार

जिसमे थी सामर्थ्य नही ,मिली उन्हें है छूट
दानव दल को बाँट रहा, अमृत घट के घूँट

भक्ति का अभिमान रहा , शक्ति से अनजान
क्यो उसका अपमान किया , जिसमे था भगवान

क्यो?इतना पाखण्ड रहा , क्यो इतना है पाप 
तू अपने दुष्कर्मो को , नाप सके तो नाप

राम नाम दिन रात जपा, बना नही है योग
सच के होते साथ नही , ऊँचे ऊँचे लोग




न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज