शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

शान्ति और अशान्ति


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शान्ति आत्मा का स्वभाव है

अशान्ति मे घ्रणा है अभाव है
शान्ति मे ऊर्जा है जोश है
अशान्ति मे आक्रोश है असन्तोष है
विश्व की महाशक्तिया पूर्णत शान्त है
दुर्बलताये होती अशान्त और आक्रांत है
शान्ति और मौन से शमन होते विकार है
शान्ति व्यक्ति पूर्ण रुपेण होता निर्विकार है
शान्ति मे अलौकिक परम सत्ता का वास है
अशान्ति मे है व्याकुलता का आभास है
सत्य और अहिंसा मे रही शान्ति है
झूठ और पाखंड मे समाहित भ्रान्ति है
चहु और छाया अशान्ति का साम्राज्य है
शान्ति मे सुशासन है रामराज्य है
शान्त व्यक्तित्व मे समाहित क्रष्ण बुद्ध और शिव है
शान्ति मे होता विकास शान्ति ही शक्ति की नींव है
इसलिये परिस्थितिया कितनी भी हो प्रतिकूल शांत रहो
अशांति के आक्रमण से विचलित न रहो
क्योकि शान्ति से निकल पाये सभी समाधान है
अशान्ति मे है मानसिक विचलन
अस्थिरता व्यवधान है
शांत रह कर विकट स्थितियो को सम्हालो
मन से अशांति आशंकाए हो तो मन से निकालो
शांत रह कर सहज ही परमात्मा परम शक्ति को पा लो

बुधवार, 23 जनवरी 2013

याद मे देखू छवि



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http://fc01.deviantart.net/fs70/i/2010/248/d/a/sad_face_in_sketch_by_widya_poetra-d2y22da.jpgसोंचता हूँ प्यार का इजहार कैसे मै करु

                   दर्द से चींखू यहा पर या फिर जमाने से डरु


                   दर्द मे लिपटी हुई ,दिलवर तुम्हारी याद है

                     रूप की हल्की झलक है थोड़ा सा संवाद है

                       याद मे देखू छवि और दैख कर आहे भरु


                      दूरिया मजबूरिया है  राह पे न फूल है

                       चाहते रहती अधूरी बिखरी हुई चहु धूल है

                       पंथ पर मै पग धरु और चाह पर मिट कर मरू

सबक दिल का तू सीखेगा

तू अपनी बन्द कर आँखे तेरा दिलदार दिखेगा
तेरी गुमनाम हस्ति है ,हीरा के मोल बिकेगा


चला-चल नेक राहो पर तुझे मन्जिल बुलाती है
तेरे सोये मुकद्दर मे वो बिजली जग -मगाती है
तेरे सपने तेरी दुनिया ,नया इतिहास लिखेगा


हुआ है सर्द जब मौसम,उठा है दर्द ,आँखे नम
समुन्दर सा भरा है गम,बसी है गीत मे सरगम
तमन्ना है मिले दिलवर ,सबक दिल का तू सीखेगा


मंगलवार, 22 जनवरी 2013

संतो का मैला है


विश्वास और आस्था का होता दर्पण है
आस्था के मन्दिर है आस्था के तर्पण है
त्रिवेणी तट पर कुम्भ पर्व मैला है
मैले मे हल चल है भक्ति समर्पण है

गंगा के तट पर संतो का मैला है
त्रिवेणी संगम है गुरुवर है चैला है
भक्ति मे शक्ति है भक्तो का रैला है
कुदरत ने सर्दी क्या खेल खैला है
http://spirittourism.com/wp-content/uploads/2012/03/Kumbh-Mela-Hindu-Spiritual-Travel-to-India.jpg

प्यार सच्चाई है


प्यार पागलपन ,है प्यार मे गहराई है
बजती रही दिल मे प्यार की शहनाई है
अदाये तेरे प्यार की इस दिल मे समाई है
प्यार भोलापन विश्वास है प्यार सच्चाई है

प्यार दिलो मे पलता है दिलो को छलता है
ख्वाब अरमानो मे पलता है सपनो मे मचलता है
दर्द की कीमत पर निकलते है आंसू
दर्द आंसुओ के रुप मे आँखों से निकलता है

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज