शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

विकृतिया हटाओ

चुनावी घोषणा पत्र से, प्रेमिका के वादे 
नेता के आश्वासन से, प्रेमी के इरादे 
दिल के लिए फैसलो से ,होते चुनाव 
उभरता रहा रिश्तो के ,भीतर एक तनाव 
दाम्पत्यिक जीवन में, वैवाहिक बंधन 
अल्पमत सरकारे ,समझौते गठ बंधन 
तनी हुए तलवारे, और बिखरते रिश्ते  
मजबूरियो के रहते ,अरमान है पिसते 
जीवन एक प्रबंधन ,व्यवस्था बताओ 
जन गण मन गायक हो ,विकृतिया हटाओ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आँगन का दीपक

जहा दिव्य हैं ज्ञान  नहीं  रहा  वहा  अभिमान  दीपक गुणगान  करो  करो  दिव्यता  पान  उजियारे  का  दान  करो  दीपक  बन  अभियान  दीपो ...