रविवार, 29 मार्च 2020

देवी का आव्हान

कोरोना जब साथ रहे , हो जाओ कोरोताईंन
सुरक्षा उपचार रही सेनेटाइजर फाईन
सेनेटाइजर फाईन रही संचित शुचित ज्ञान
एकांतिक रही साधना कर ले जप तप ध्यान
कवि विवेक भी सोच रहा है कैसा है विज्ञान
कोरोना को बांध रहा , देवी का आव्हान

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज