तेरी गुमनाम हस्ति है ,हीरा के मोल बिकेगा
चला-चल नेक राहो पर तुझे मन्जिल बुलाती है
तेरे सोये मुकद्दर मे वो बिजली जग -मगाती है
तेरे सपने तेरी दुनिया ,नया इतिहास लिखेगा
हुआ है सर्द जब मौसम,उठा है दर्द ,आँखे नम
समुन्दर सा भरा है गम,बसी है गीत मे सरगम
तमन्ना है मिले दिलवर ,सबक दिल का तू सीखेगा
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