मीलो की दूरिया
मिलने कि मजबूरिया हो सकती है
दिलो में दूरिया पैदा नहीं कर सकती
लम्बे और दीर्घ अवधि के अंतराल
समय तो तय कर सकते
आत्मीयता कम नहीं कर सकते
दुश्मन कितना भी दुष्ट हो
उसका प्रहार कितना भी पुष्ट हो
संकल्प का बल हिला नहीं सकते
राहे कितनी भी वीरान हो
सफ़र में कितनी भी थकान हो
जीत जाता अंतत साहस है
मृत्यु के क्षणो में भी व्यक्ति के पास होती
जीने कि जिजीविषा
रहती जीवन कि आस है
जग में कितना भी कोलाहल हो
बिखरा कितना भी हलाहल हो
लग जाता योगी का ध्यान है
जीवन में कुछ जुड़ता जाए
अपनी जड़ो से जो जुड़ जाए
व्यक्ति होता वह महान है
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