यह कंकड़ पत्थर है शंकर
हर कण में रहते है विष्णु
है संतुलन उनके भीतर
कृष्णा की प्रियतम है वेणु
यह प्रीत रीत ही ऐसी है
भावो से भगवन आये है
मीरा की भक्ति प्रीत रही
राधा ने सचमुच पाये है
भक्ति की जलती ज्योत रही
यहाँ जाग रहा है अणु अणु
हर कण में रहते है विष्णु
है संतुलन उनके भीतर
कृष्णा की प्रियतम है वेणु
यह प्रीत रीत ही ऐसी है
भावो से भगवन आये है
मीरा की भक्ति प्रीत रही
राधा ने सचमुच पाये है
भक्ति की जलती ज्योत रही
यहाँ जाग रहा है अणु अणु
सुंदर भावपूर्ण
जवाब देंहटाएं