वचन
व्यक्त विश्वास है,वचन
रहा है न्यास
दुष्ट
वचन दुख देत रहा,सत्य
वचन मे व्यास ||1||
वचन
वाक्य विन्यास नही,वचन
कर्म है धर्म
तृप्त हुआ वचनाम्रत से ,साधक
कर सत्कर्म ||2||
वचन
पुरुष श्रीराम रहे ,वचन
वीर घनश्याम
बच
नही पाया दुर्वचनो से,प्यारा
सा इन्सान ||3||
सद वचनों में गुण भरा ,प्रवचन
सुख नवनीत
सन्त
ह्रदय सा राखिये,रख
मन घट मे प्रीत ||4||
कृष्णा की जो लाज रखे ,कृष्ण
वचन सा होय
कृष्ण कृपा मन राखिये , कृष्ण वचन को ढोय ||5||
वचन
विराजे ब्रह्म देव ,वचन
विराजे राम
वचनो
पर जो प्राण तजे ,राम
पिता गये धाम ||6||
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