जहा दिव्य हैं ज्ञान नहीं
रहा वहा अभिमान
दीपक गुणगान करो
करो दिव्यता पान
उजियारे का दान करो
दीपक बन अभियान
दीपो से हैं दिव्य घड़ी
रहे दिव्य मुस्कान
उजियारे से सींच रहा
इस जग को सूरज
अँधियारे को दूर करे
आँगन का दीपक
दीपक से हैं सीख मिली
मिला है अद्भुत ज्ञान
अंधियारे में जले चलो
भूलो मत अपमान
दीपक तम को दीप्त करे
उजियारे का बोल
दीपक का कोई मोल नहीं
वह तो है अनमोल
दीपक हर पल ढूँढ़ रहा
अच्छा घर परिवार
उजियारे की प्यास रही
दीपो का त्यौहार
जीवन का तम दूर करे
दीपक दे वरदान
बाधाएँ हर और हटे
धवल नवल हो ज्ञान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें