विकलांगता
सपनो को तोड़ नहीं सकती
मानसिकता
गुलामी की दौड़ नहीं सकती
हर
एक अँधेरे को रही दिए की तलाश है
उजाले
की प्यास कभी मुंह मोड़ नहीं
सकती
जहा दिव्य हैं ज्ञान नहीं रहा वहा अभिमान दीपक गुणगान करो करो दिव्यता पान उजियारे का दान करो दीपक बन अभियान दीपो ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें