गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

प्यार

प्यार पूजा है आस्था है अगरबत्ती है
प्यार की अनुभूति रूह तक उतरती है
प्यार उन्माद नही है यौवन का
प्रीति एक प्रतीति है जो टूट नही सकती है

बिखरे हुए राहो पे कांटे उड़ती रही यह धूल है
टूटती रही  आशाये है उगते रहे बबूल है
जिंदगी रोने लगी है जब  नही हो तुम
अब नही शायद रही है किस्मत में बुलबुल है

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज