गुरुवार, 9 अगस्त 2012

तेरी बाते मेरी बाते

तेरी बाते मेरी बाते ,बातो से गम हम हर पाते
बातो की होती बरसाते ,उजले दिन है गहरी राते  

बाते मन के भेद है खोले ,बातो से रिश्ते है बोले
सुख दुःख बांटे नहीं सन्नाटे ,बाते मीठे बोल है घोले
गुजरे दिन है गुजरी राते ,बातो से होती मुलाकाते 

बाते तो तोलो और बोलो गहरा सोचो भाव टटोलो
कानो में मिश्री को घोलो ,मीठे होकर सबके हो लो
बातूनी को मिलती लाते ,बातो की पूंजी हम खाते

बाते करते हर जन टहला ,बातो से है  यह मन बहला
तन्हा जीवन कैसे सम्हला ,देती बाते प्यार है पगला
बातो से सौदे हो पाते ,आते जाते कर लो बाते


कड़वी बाते ,मीठी बाते ,सीधी बाते ,टेड़ी बाते  
बाते से है हम बतियाते, बातो से जुड़ जाते नाते
 बातो से सब कुछ मनवाते, बातो बातो में रह जाते 



 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज