अंजन ,मंजन, मन का रंजन
वंदन, चन्दन, भावुक बंधन
नवल ,धवल है साँझ सवेरे
सपने तेरे ,सपने मेरे
स्वप्न प्रदर्शन ,चित का रंजन
अर्पण ,तर्पण, व्याकुल दर्पण
लगी प्यासी है ,भाव समर्पण
दया भाव हो ,नहीं हो क्रंदन
सर्जन, अर्जन, भाव विसर्जन
मिली सांस , पाया बल वर्धन
गजल गीत का, हो अभिनंदन
छाया माया ,कुछ भी न पाया
शिल्प कला से ,मन भर आया
कला कर्म का ,महिमा मंडन
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