गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

गीता ज्ञान प्रचुर

गीता में श्री कृष्ण रहे
गीता ज्ञान प्रचुर
गीता ने कल्याण किया
 गीता गोरखपुर

गीता ने है शोक हरा
गीता सूर और तान
गीता से नत मुख हुआ
आधुनिक विज्ञान

गीता में सब श्लोक कहे 
धरती पर सब लोक
शुध्द कर्म परमार्थ करो
  पाप कर्म पर रोक

गीता में है गीत रहे 
रहे अनुष्टुप छन्द
गीता का हर सूक्त रहा
जीवन का मकरन्द

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज