कमजोर रोशनी हुई
तो अंधियारा ही ढला है
लगी गरीब की हाय
लगी गरीब की हाय
क्योकि घर उसका जला है
सिर्फ दिए जलाने भर से
दिवाली नहीं होती
सफलता पायी उसी ने
सफलता पायी उसी ने
सीखी जिसने जीने कला है
रास्ता न्याय का
सिर्फ उन्हें ही दिखाई देता है
जिनका चिंतन निर्मल है और उजला है
जिनका चिंतन निर्मल है और उजला है
काले कारनामो को
कितना भी छुपा ले कोई
अंतत न्याय तो
अंतत न्याय तो
फरियादी को ही मिला है
उनके चेहरे पर
सच्चाई दिखाई नहीं देती है
पर उनकी भाषा संयमित है
जबाब नपा-तुला है
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