शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

विकृतिया हटाओ

चुनावी घोषणा पत्र से, प्रेमिका के वादे 
नेता के आश्वासन से, प्रेमी के इरादे 
दिल के लिए फैसलो से ,होते चुनाव 
उभरता रहा रिश्तो के ,भीतर एक तनाव 
दाम्पत्यिक जीवन में, वैवाहिक बंधन 
अल्पमत सरकारे ,समझौते गठ बंधन 
तनी हुए तलवारे, और बिखरते रिश्ते  
मजबूरियो के रहते ,अरमान है पिसते 
जीवन एक प्रबंधन ,व्यवस्था बताओ 
जन गण मन गायक हो ,विकृतिया हटाओ

सोमवार, 13 जनवरी 2014

कर्म से पहचान है

कर्म ही पूजा है प्यारे ,कर्म पावन ज्ञान है
कर्म ही किस्मत सँवारे ,कर्म
से पहचान है 

कर्म तुझको है पुकारे ,कर्म ही  बलवान है
कर्म से विमुख हुआ क्यों, कर्म से सम्मान है 

कर्मरत रहता निरोगी ,कर्म से मुस्कान है
कर्म कि तू कर परायण, कर्म ही भगवान् है 

कर्म गीता ने कहा है ,कर्म में सब कुछ रहा है
कर्म में  रहता कन्हैया. कर्म से निर्माण है 

कर्म क्यों न कर रहा है ?कर्म से क्यों डर रहा है ?
कर्म से मिलती है सिध्दि ,कर्म में हनुमान है

स्वारथ की घुड़दौड़

चू -चु करके  चहक  रहे   बगिया  आँगन  नीड़  जब पूरब  से  भोर  हुई  चिडियों  की  है  भीड़  सुन्दरतम है  सुबह  रही  महकी  महकी  शाम  सुबह  के  ...