पिता विश्वास का आकाश है
माता धरती सा आभास है
पिता झरने का जल है जीवन की अरुणा है
माता मिट्टी है वात्सल्य है एवम करुणा है
माता देती काया है,पिता देते छत्र छाया है
माता का गुण ईश्वर ने भी गाया है
पिता से कुछ भी नही छुप पाया है
इसलिये पिता से कुछ भी मत छुपाओ
कभी भी माता पिता को मत सताओ
माता ममता की भाषा है,प्रेम की पिपासा है,
पिता ज्ञान है विवेक है जिज्ञासा है नई आशा है
पिता ज्ञान है विवेक है जिज्ञासा है नई आशा है
पिता मे हिमालय की ऊचाई है और सिंधु से गहराई है
माता के ममता भरे मीठे नीर से हमने उर्जा पाई है
पिता शिव है माता शक्ति है
इसलिये माता पिता का अपमान ईश्वरीय अपमान है
इसलिये माता पिता का अपमान ईश्वरीय अपमान है
उनको अपमानित करने वालो को कभी नही मिला सम्मान है
पिता शुन्य मे सृष्टि है माता सृष्टि मे समष्टि है
माता क्षमा की मूर्ति है,पिता जीवन की प्रतिपूर्ति है
माता छन्द है पद्य है पिता ललित निबंध है गद्य है
पिता मे समाहित जीवन का सारा कोष है
हटा दे मन से घृणा ,और सारे दोष है
पिता को पाकर वचन महान हुआ नचिकेता है
परब्रह्म परमात्मा परम पिता विश्व का प्रणेता है
परब्रह्म परमात्मा परम पिता विश्व का प्रणेता है
माता जीवन की प्रथम शिक्षा है
पिता व्यवहारिक जगत की समीक्षा है
पिता व्यवहारिक जगत की समीक्षा है
माता रागिनिया राग है पिता सूर है साज है
माता गागर मे सागर है
पिता के व्यक्तित्व मे समाया सागर है
पिता के व्यक्तित्व मे समाया सागर है
माता भावनाओं की महकी सुगंध है
पिता रिश्तो का अनुबंध है
पिता रिश्तो का अनुबंध है
पिता ज्ञान है माता बुद्धि हैं
पिता आचरण है माता आत्म शुद्धि है
पिता आचरण है माता आत्म शुद्धि है
माता रुपी धरती का आँचल लहलहाती फसल है
पिता रुपी सिंधु का वसन लहराता उच्छर्खंल जल है
इसलिये माता रुपी सृष्टि को शुचिता से निहारो
पिता रुपी सदगुणो को निज आचरण मे उतारो
MA KI MAMTA PITAH KA PYAR JO HOTA NASEEB WALA UNHI KO MILTA YE UPHAAR
जवाब देंहटाएंबच्चो का झुला हैं मान की गोदी व हर दर्द की दवा प्यार से पिलाये पिता का फर्ज़ हैं बच्चो को प्यार दे पर त्यागे नही वरना बाचों का भी नाश हैं वेसे आपकी कविता आदर्श माता पिता के लिए सरहनीय हैं .
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