जीवन में गौरव और होता स्वाभिमान है
कठिनाइया कितनी भी जीत जाता ईमान है
व्यक्तित्व में ऊंचाइयां उसने यहाँ पाई है
निकलता है सूरज सा झुक जाता आसमान है
जीवन में गौरव है सौरभ है छाया है
खुशियों की दुनिया है प्रियतम को पाया है
मस्ती की कश्ती है सपनो की बस्ती है
सब कुछ है अपनों में सपनो को पाया है
सोमवार, 12 मार्च 2018
झुक जाता आसमान है
रविवार, 11 मार्च 2018
भरता रहूँ उड़ान
तू प्रीती का गीत रही भीतर की मुस्कान
तुझसे जीवन पाऊ मै भरता रहूँ उड़ान
इस जग में जहाँ प्यार रहा सुख है अपरम्पार
गहनों में हो पायल तुम जीवन की रफ़्तार
तुम धड़कन और सांस रही अमृत का रसपान
तुझपे वारा ये तन मन जो भी कुछ है शेष
तू मौसम मधुमास भरी तू विचार विशेष
मरते दम तक साथ रहे निकले संग ही प्राण
सारा जीवन प्यार मिले प्राणों का आधार
सजनी तेरे साजन पर रख लेना ऐतबार
एक नेक हूँ साथ सदा यही सत्य ही जान
तुझसे सच्चा प्यार मिला जीवन को आकार
जीवित मेरा स्वप्न रहा तू नदिया की धार
तू ही मन की मीत रही जीवन का सम्मान
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