आंसू सिर्फ आंसू नही ,भावो का पानी है
भावना के पानी मे दर्द की कहानी
कहानिया दर्द कि नई है पुरानी है
आंसुओ से झर गई ,अनकही कहानी है
आंसू सिर्फ आंसू नही विचलित विश्वास कि
घटनाये पुरानी है
विश्वास की डोर किसने थामी है,
रह गई यादे जानी पहचानी है
आत्मियता कि कथाये रह गई अंजानी है
आंसुओ से रिक्त व्यक्ति सदा रहा अभिमानी है
आंसू सिर्फ आंसू नही आत्मियता कि निशानी है
आत्मियता कि भावना किसने पहचानी है
समय की जीवन मे चलती रही मनमानी है
चुपचाप जो रहा,आंसुओ ने सब कुछ कहा
आंसुओ से भरी हुई ,गीत गजल सुहानी है
मार्मिक भाव, सुन्दर कविता!
जवाब देंहटाएं