शनिवार, 26 अगस्त 2023

अब चंद्र पर प्रज्ञान है








देखते  हम  ध्रुव  तारा  ब्रह्म  है  पर लोक  प्यारा

ज्योतिष  में  विज्ञान  है अब  चंद्र  पर  प्रज्ञान  है

देश  अब  आगे  बढ़ा  है चेतना  के  नभ  चढ़ा है

 चल पड़े अरमान  है अब चंद्र  पर  प्रज्ञान  है 

 मेघ तक  मेघा पुरस्कृत  अब  हुई  हिंसा  तिरस्कृत 

 अब  लौटता  विहान है अब  चंद्र  पर  प्रज्ञान  है

हर  दिशा  और हर पटल पर  स्वदेश का अभिमान  है

अब  चंद्र  पर  प्रज्ञान  है  अब  चंद्र  पर  प्रज्ञान  है

ईश से  अब  इसरो है  वेद और  विज्ञान  है 

अब  चंद्र  पर  प्रज्ञान  है  अब  चंद्र पर प्रज्ञान  है

गर्व से  मस्तक उठा है  अहंकारी  अब  झुका  है 

हुआ सन्न  पाकिस्तान है अब चंद्र  पर  प्रज्ञान  है


न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज