सोमवार, 30 जनवरी 2017

रेत पर मिले काफिले है

रेतीला होता मरुथल, रेत  के ऊँचे टीले है 
रेतीली होती हवाये ,रेत  में चलकर खिले है 

रेत में तपती हवाये ,पस्त  होकर लब सिले है 
रेतीली होती है नदिया ,रेत से बनते किले है 

रेत  का उठता बवंडर ,रेत में बसता समंदर
रेत बिन रिक्तिम है दुनिया ,रेत से सपने मिले है 

रेत में होती है फिसलन ,होती विचलन पग जले है 
रेत के भीतर मिला जल ,कंठ तर जीवन पले  है 

रेत करती है निरोगी ,रेत पर रहता  है योगी 
रेतीले बिस्तर पर निंदिया, रेत पर मिले काफिले है

होते भगवान

जीवन में  खुश  रहना  रखना  मुस्कान  सच मुच  में  कर्मों  से  होतीं की  पहचान  हृदय में रख लेना   करुणा  और  पीर  करुणा  में  मानवता होते  भग...