गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

प्यार

प्यार पूजा है आस्था है अगरबत्ती है
प्यार की अनुभूति रूह तक उतरती है
प्यार उन्माद नही है यौवन का
प्रीति एक प्रतीति है जो टूट नही सकती है

बिखरे हुए राहो पे कांटे उड़ती रही यह धूल है
टूटती रही  आशाये है उगते रहे बबूल है
जिंदगी रोने लगी है जब  नही हो तुम
अब नही शायद रही है किस्मत में बुलबुल है

सोमवार, 24 दिसंबर 2018

खुशियो की खान

सपने है आंखों में
दिल मे अरमान है
अपनो का आँगन है
रहती मुस्कान है
तेरा भी मेरा है
मेरा भी तेरा है
मिल जुल के रहना ही
खुशियो की खान है

मौसम है सर्दी का
सूरज की धूप
महका है यौवन धन
निखरा है रूप
दस्तक है ठंडक की
मिलता न चैन
मुन्ना और मुन्नी अब
सो जाते गुप् चुप

रच रही नव व्याकरण

चाँद  तारे  से  गगन  है     दीपिका  से  है किरण   दीपिका जब न जली तो चंद्र  करता तम हरण  जब  अंधेरा  हो  रहा  हो   जगत  सारा  सो रहा  हो   च...