देखते हम ध्रुव तारा ब्रह्म है पर लोक प्यारा
ज्योतिष में विज्ञान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
देश अब आगे बढ़ा है चेतना के नभ चढ़ा है
चल पड़े अरमान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
मेघ तक मेघा पुरस्कृत अब हुई हिंसा तिरस्कृत
अब लौटता विहान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
हर दिशा और हर पटल पर स्वदेश का अभिमान है
अब चंद्र पर प्रज्ञान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
ईश से अब इसरो है वेद और विज्ञान है
अब चंद्र पर प्रज्ञान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
गर्व से मस्तक उठा है अहंकारी अब झुका है
हुआ सन्न पाकिस्तान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है
बहुत ही शानदार कविता लेख की है श्रीमान आपने 🙏
जवाब देंहटाएंवाह! भारत के ज्ञान और विज्ञान को सम्मानित करता हुआ सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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