Srijan
सोमवार, 29 जनवरी 2024
न बिकती हर चीज
लज्जा का आभूषण
करुणा के बीज
कौशल्या सी नारी
तिथियों मे तीज
ह्रदय मे वत्सलता
गुणीयों का रत्न
नियति भी लिखती है
न बिकती हर चीज
1 टिप्पणी:
सुशील कुमार जोशी
30 जनवरी 2024 को 7:57 pm बजे
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