लज्जा का आभूषण
करुणा के बीज
कौशल्या सी नारी
तिथियों मे तीज
ह्रदय मे वत्सलता
गुणीयों का रत्न
नियति भी लिखती है
न बिकती हर चीज
जब ज्योति से ज्योत जली जगता है विश्वास जीवन में कोई सोच नहीं वह करता उपहास होता है जो मूढ़ मति जाने क्या कर्तव्य जिसका होता ध्येय नहीं उस...
वाह
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