शनिवार, 20 सितंबर 2025
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
-
जिव्हा खोली कविता बोली कानो में मिश्री है घोली जीवन का सूनापन हरती भाव भरी शब्दो की टोली प्यार भरी भाषाए बोले जो भी मन...
-
सम्वेदना का भाव भरा खरा रहा इन्सान जीवित जो आदर्श रखे पूरे हो अरमान जो पीकर मदमस्त हुआ हुआ व्यर्थ बदनाम बाधाएँ हर और खड़ी...