Srijan

बुधवार, 16 जुलाई 2025

हम सब अपने घर लौटे है


 

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मंगलवार, 15 जुलाई 2025

दे रही संदर्भ सारे


 

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रविवार, 13 जुलाई 2025

कुण्डलिनी बंध खोले


 

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शनिवार, 12 जुलाई 2025

पंथ सब निखरे हुए है


 

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शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

गुरु से मिले है


 

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अब न सभागृह भरे है


 

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सूई है


 

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  • जीवित जो आदर्श रखे
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    अब रिश्तों में जान नहीं   रहा नहीं है स्नेह  सम्वेदना से शून्य  हुए  गहरे है संदेह  जीवन से अब चला  गया  कुदरत से  अनुराग  संबंधो  की  शाख  ...

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