विकलांगता
सपनो को तोड़ नहीं सकती
मानसिकता
गुलामी की दौड़ नहीं सकती
हर
एक अँधेरे को रही दिए की तलाश है
उजाले
की प्यास कभी मुंह मोड़ नहीं
सकती
करुणा और क्रंदन के गीत यहां आए है सिसकती हुई सांसे है रुदन करती मांए है दुल्हन की मेहंदी तक अभी तक सूख न पाई क्षत विक्षत लाशों में अपन...
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