सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
भींगी हुई पलके
पल पल और प्रतिपल भावनाएं छलके आंसू के भीतर भींगी हुई पलके कभी दिल ये हारी कभी होती भारी खुशी इसके भीतर कभी दुख झलके कभी घुप्प अंधेरा खा...
-
जीवन में खुश रहना रखना मुस्कान सच मुच में कर्मों से होतीं की पहचान हृदय में रख लेना करुणा और पीर करुणा में मानवता होते भग...
-
जिव्हा खोली कविता बोली कानो में मिश्री है घोली जीवन का सूनापन हरती भाव भरी शब्दो की टोली प्यार भरी भाषाए बोले जो भी मन...
-
देखते हम ध्रुव तारा ब्रह्म है पर लोक प्यारा ज्योतिष में विज्ञान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है देश अब आगे बढ़ा है चेतना के न...
जिसने कृष्ण की अंगुली थामी , निर्भय हुआ , मुक्त हुआ !
जवाब देंहटाएं