अमीर हो या गरीब
उजला धन हो तो दिवाली है
जन निर्धन हो या सम्पन्न
मन प्रसन्न हो तो दिवाली है
ब्लैक मनी नहीं है हनी
व्यवस्था भ्रष्ट हो तो जिंदगी काली है
प्रशासन सख्त हो कामकाज में
व्यस्त हो तो दिवाली है
जीवन हरा भरा हो
अपराधी डरा डरा हो तो दिवाली है
सेवा ही धाम हो
भक्ति निष्काम हो तो खुशहाली है
धड़कन में राम हो
मन में विश्राम हो तो दिवाली है
उजला धन हो तो दिवाली है
जन निर्धन हो या सम्पन्न
मन प्रसन्न हो तो दिवाली है
ब्लैक मनी नहीं है हनी
व्यवस्था भ्रष्ट हो तो जिंदगी काली है
प्रशासन सख्त हो कामकाज में
व्यस्त हो तो दिवाली है
जीवन हरा भरा हो
अपराधी डरा डरा हो तो दिवाली है
सेवा ही धाम हो
भक्ति निष्काम हो तो खुशहाली है
धड़कन में राम हो
मन में विश्राम हो तो दिवाली है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें