मन से मन को बांध रहे स्नेहिल से अनुबंध
क्या होता है पुण्य यहाँ क्या होता है पाप
पापी था जो डूब गया मर गया अपने आप
गिर कर उठता चला गया रहा सदा सक्रिय
उसका ही है भाग्य जगा रहा सभी का प्रिय
चिड़िया भी है चहक रही चहकी हर चौपाल
बरगद पीपल छाँव पले गिरधर और गोपाल
बिखरी जाती रेत रही सूने सूने तट
उखड़े कितने वृक्ष यहां सजते है मरघट
सुन्दर
जवाब देंहटाएंआभार प्रतिक्रिया के लिए
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सुंदर रचना
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