रविवार, 23 अक्तूबर 2022

मिलेगी उसकी टोह

रुप  तो  है  पर  गुण  नहीं, गुण के बिन न ज्ञान 
रूप को देखे  ब्याह  करे, वह गुणहीन इन्सान 

चंदा  जैसा  रूप  दिखा, दिखा नहीं चरित्र 
 सीधा  सच्चा मूर्ख नहीं  होता  अच्छा  मित्र 

 जो जितना ही प्रिय  रहा, उससे उतना  मोह 
रब से सच्ची  प्रीत  लगा, मिलेगी उसकी टोह 

जीवन  मे  आरोग्य  नहीं,  लगे  रोग  पर  रोग 
धन  माया न  साथ  रही, तन  मन  करो निरोग 

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज