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आँगन का दीपक
जहा दिव्य हैं ज्ञान नहीं रहा वहा अभिमान दीपक गुणगान करो करो दिव्यता पान उजियारे का दान करो दीपक बन अभियान दीपो ...
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जीवन में खुश रहना रखना मुस्कान सच मुच में कर्मों से होतीं की पहचान हृदय में रख लेना करुणा और पीर करुणा में मानवता होते भग...
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जिव्हा खोली कविता बोली कानो में मिश्री है घोली जीवन का सूनापन हरती भाव भरी शब्दो की टोली प्यार भरी भाषाए बोले जो भी मन...
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देखते हम ध्रुव तारा ब्रह्म है पर लोक प्यारा ज्योतिष में विज्ञान है अब चंद्र पर प्रज्ञान है देश अब आगे बढ़ा है चेतना के न...
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत ...
जवाब देंहटाएंउत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद
हटाएंबहुत बढ़िया
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