सुरक्षा उपचार रही सेनेटाइजर फाईन
सेनेटाइजर फाईन रही संचित शुचित ज्ञान
एकांतिक रही साधना कर ले जप तप ध्यान
कवि विवेक भी सोच रहा है कैसा है विज्ञान
कोरोना को बांध रहा , देवी का आव्हान
जिसने तिरस्कार सहा किया है विष का पान जीवन के कई अर्थ बुने उसका हो सम्मान कुदरत में है भेद नहीं कुदरत में न छेद कुदरत देती रोज दया कुदर...