बुधवार, 25 मार्च 2020

कोरोना पर दोहे

भीड़ में सबको निगल गया ,कोरोना का दंश 
घर मे बस तुम बने रहो , बच जायेगा वंश 

जनता का कर्फ्यू रहा ,हो जाओ अब शांत
जितने भी थे निपट गये ,पाया है एकांत

अब तक जो भी डरे नही , पहुच गये वे जेल
मल मल करके हाथ धुले ,निकल गया है तेल

जब भी मुश्किल दौर पड़ा ,पहुच गए वो चीन
कोरोना से भाग खड़े , होकर दीन और हीन

जिसका किस पर असर नही कैसा है ये दौर
अमेरिका भी हार गया ,भारत है सिरमौर

 यम नियम से मंत्र जपो नव दुर्गा के साथ
कट जायेगे कष्ट सभी , कोरोना की घात

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज