माँ दुर्गा जब साथ रहे, साधक हो निर्भय
सत के पथ पे राम रहे , सत के संग हनुमान
सच को तू न साध सका, सत का व्रत वरदान
गिनते गिनते दिन गये, उड़ी नींद और चैन
माँ होती है पार्वती, माँ होती दिन रैन
वैज्ञानिक सम्वत रहा,आध्यात्मिक अनुभव
चैत्रमास की प्रतिप्रदा, सृष्टि का उदभव
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