करुणा और क्रंदन के
गीत यहां आए है
सिसकती हुई सांसे है
रुदन करती मांए है
दुल्हन की मेहंदी तक
अभी तक सूख न पाई
क्षत विक्षत लाशों में
अपनो को पाए है
करुणा और क्रंदन के गीत यहां आए है सिसकती हुई सांसे है रुदन करती मांए है दुल्हन की मेहंदी तक अभी तक सूख न पाई क्षत विक्षत लाशों में अपन...
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