अाराधना हो देव कि, निज ईष्ट पर विश्वास हो
सूर्य से चैतन्य हो ,जीवन हमारा धन्य हो
व्यक्तित्व के सौन्दर्य का, प्रभु !रत्न मेरे पाास हो
माॅ शारदे का वरद हस्त ,इस दास के ही माथ हो
चलता रहे नित कर्म पथ पर ,नैराश्य नही वास हो
माॅ शारदे का वरद हस्त ,इस दास के ही माथ हो
चलता रहे नित कर्म पथ पर ,नैराश्य नही वास हो
न्याय का पथ हो पशस्त ,हो जाये दुर्भाग्य अस्त
आत्मा का उजला दर्पण ,रिश्तो मे मिठास हो
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