गुरुवार, 19 जनवरी 2012

आत्म विश्वास

बहुत अच्छा है

व्यक्ति में आत्म विश्वास हो
होता रहे आत्मा का विकास हो
आत्मा रहे सदा उल्लास हो
परमात्मा के निकट
आत्मा का वास हो
उतना ही आवश्यक है
आत्मा शुध्द हो ,प्रबुध्द हो
आत्मा एवं मन में न चलता रहे युध्द हो
आत्मोत्थान का मार्ग नही अवरूध्द हो
क्योकि आत्म विश्वास का प्रत्यक्ष सम्बन्ध
आत्म के शोधन से है
आत्म शुध्दि से विकसित आत्म विश्वास में ही
निराकार पर ब्रह्म का वास है
और उसमे ही रहता है सच्चिदानंद

रहता सर्वदा उल्लास है
निहित उसी में

जीवन के सत्य का आभास है
इसलिए आत्म की शुध्दि पर

टिका आत्म विश्वास महत्वपूर्ण है
ऐसा आत्म विश्वास ही अक्षय है अक्षुण है




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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज