बुधवार, 25 जनवरी 2012

मुक्ति का यह अर्थ है

नियमो के अनुकूल जिए हम ,जीवन का मूलमंत्र है
आज दिवस गणतंत्र है ,आज दिवस गणतंत्र है

व्यक्ति या परिवार देश हो ,करना नव निर्माण है
संविधान के पालन से ही ,होता जन कल्याण है
नीती,नियम ,कर्तव्यो से ,स्वदेश हुआ स्वतंत्र है
आज दिवस गणतंत्र है ..............
अनुशासित हो शासित न हो ,मुक्ति का यह अर्थ है
आजादी कायम रहने की ,रही सदा यह शर्त है
जनहित के चिंतन से ही तो ,स्वस्थ हुआ जनतंत्र है
आज दिवस गणतंत्र है............ 
शोषित न हो पोषित हो जन,जनसेवा का मर्म है
पारदर्शिता भी कायम हो,जनगण मन का धर्म है
गति मे ही प्रगति निहित है,यही तन्त्र और यंत्र है
आज दिवस गणतंत्र है...........

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज