जीवन की पाती मे
पाती मे राम
कबीरा भी यह बोले
शुभ कर ले काम
तुलसी चौपाई
जो कुछ न कह पाई
कहता है वह जीवन
जीवित आख्यान
जब ज्योति से ज्योत जली जगता है विश्वास जीवन में कोई सोच नहीं वह करता उपहास होता है जो मूढ़ मति जाने क्या कर्तव्य जिसका होता ध्येय नहीं उस...
वाह !
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