जीवन की आपा धापी में
अब वक्त कहा मिल पाता है
फागुन की मस्ती छाती है
मन मन ही मन कुछ गाता है
है सहज सरल से तरल नयन
मौसम में रंगत आई है
बच्चो की शक्ले निखर रही
बस्ती ने रौनक पाई है
संसार सगो का मैला है
इंसान अकेला ही जाता है
यहाँ बदन गठीला मोहे मन
सुंदरता सबको भाती है
भीतर जो होती कोमलता
ओझल होकर रह जाती है
मानव मन का यह दोहरापन
सौंदर्य कहा रख पाता है
यहाँ समय सदा ही सपनो सा
खुश किस्मत ने ही पाया है
दुःख सह कर भी मद मस्ती का
यहाँ रंग कही गहराया है
सुख की है छाँव नहीं आती
सुख सपनो का कब आता है
यह रंग बिरंगी दुनिया है
रंगों में सब कुछ पाया है
फागुन में बसते रंग रहे
जिसे झूम झूम कर गाया है
रंगों में मस्ती नाच रही
यह रंग बहुत सिखलाता है
अब वक्त कहा मिल पाता है
फागुन की मस्ती छाती है
मन मन ही मन कुछ गाता है
है सहज सरल से तरल नयन
मौसम में रंगत आई है
बच्चो की शक्ले निखर रही
बस्ती ने रौनक पाई है
संसार सगो का मैला है
इंसान अकेला ही जाता है
यहाँ बदन गठीला मोहे मन
सुंदरता सबको भाती है
भीतर जो होती कोमलता
ओझल होकर रह जाती है
मानव मन का यह दोहरापन
सौंदर्य कहा रख पाता है
यहाँ समय सदा ही सपनो सा
खुश किस्मत ने ही पाया है
दुःख सह कर भी मद मस्ती का
यहाँ रंग कही गहराया है
सुख की है छाँव नहीं आती
सुख सपनो का कब आता है
यह रंग बिरंगी दुनिया है
रंगों में सब कुछ पाया है
फागुन में बसते रंग रहे
जिसे झूम झूम कर गाया है
रंगों में मस्ती नाच रही
यह रंग बहुत सिखलाता है
होली की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " ब्लॉगर होली मिलन ब्लॉग बुलेटिन पर “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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