बहना का भाई रहा भैय्या की है दूज
संघर्षो से जीत मिली बहना की सूझ बूझ
संघर्षो से जीत मिली बहना की सूझ बूझ
जीवन में कई बार मिले सुख दुख के संजोग
बहना से मिलता रहा भैया को सहयोग
बहना से मिलता रहा भैया को सहयोग
उसका निश्छल प्रेम रहा निर्मल है अनुराग
बहना जग की रीत रही होती घर का भाग
मिट जाते सब दुख यहाँ कट जाते सब रोग
बहना के आ जाने से समृध्दि के योग
बहना जग की रीत रही होती घर का भाग
मिट जाते सब दुख यहाँ कट जाते सब रोग
बहना के आ जाने से समृध्दि के योग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें