जो इसको है समझ गया, रहता वह खुशहाल
तारो से आकाश भरा, जल में कितने जीव
हर कण में है व्याप्त रहे, बम भोले और शिव
शांति में सुख प्यार रहा, सुलह में श्रीराम
जीवन मे हम भूल गये , शुभ संकल्प तमाम
जीवन एक संग्राम रहा, तू है एक शूरवीर
कर्मो की शमशीर चला,खींच दे नया तूणीर
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