कल में बसता हल है
,कल को लेकर चल
जो कल के न साथ चला मिले है अश्रु जल
कल की जिसको चाह नही
वो क्या जाने फल
हर पल सुधरा आज तो
सुधरे कल हर पल
गहराई में मौन बसा,गहरा मन विश्वास गहराई में उतर गया गहरी लेकर प्यास शब्दों से क्यों बोल रहा , तू कर्मों से बोल जिसके जीवन ध्येय रहा ,उसका प...
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