जिनमे नहीं विश्वास है
और निष्ठा का नहीं अता पता है
वे क्या जाने ?मावठे का मौसम क्या है ? या सावन की घटा है
सिखा नहीं जीवन में
जिन्होंने सब कुछ रटा है
दिखाई नहीं देगा उन्हें
दिखाई नहीं देगा उन्हें
वर्तमान में क्या क्या घटा है ?
आबरू गरीब की चली गई
दे नहीं पाया कोई
बेटी का पता है
बस सवालों की चुभन है
बस सवालों की चुभन है
बाजार सारा सवालों से पटा है
आसान नहीं होता ईमान से जी लेना
ईमानदार आदमी ईमान पर
सदा मर मिटा है
अकेले दीप का भी जलना क्या जलना है ?
अंधियारे के भीतर प्रकाश पुंज है
अन्धियारा प्रकाशित हुआ है
तम हटा है
अन्धियारा प्रकाशित हुआ है
तम हटा है
है ऊँची ईमारते चापलूसों
और बेईमानो की
उनकी हवेली से ही
घर ईमानदारी का सटा है
उनकी हवेली से ही
घर ईमानदारी का सटा है
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