कैसे बनी साधारण से असाधारण नारिया
पल्लवित हुई उद्यान में फूलो की क्यारिया
चारित्रिक संस्कारों से वे थी भरपूर
सभी कलाओं में प्रवीण ,बांधे पाँव में नुपुर
चढ़ी हिमालय चोटी झेली कई दुश्वारिया
अन्तरिक्ष की वो थी कल्पना दे गई वेदना
बहन सुनीता विलियम ने हमें दी संवेदना
ज्ञान विज्ञान से चहकी माता की दुलारिया
ओद्यौगिक क्रांति में है ,जिनका अहम योगदान
भारतीय मूल्यों का रखा सदा उन्होंने ध्यान
उठा ली परिवार के साथ देश की जिम्मेदारिया
सेवा समर्पण की है जिनकी ,अनुपम कहानी
कभी माँ बहन ,तो कभी बनी डॉक्टर नर्स रानी
दिवाली की है उजास ,रंग पंचमी की पिचकारिया
सेवा समर्पण की है जिनकी ,अनुपम कहानी
कभी माँ बहन ,तो कभी बनी डॉक्टर नर्स रानी
दिवाली की है उजास ,रंग पंचमी की पिचकारिया
बहुत सुन्दर!
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