चन्दा संग है ढली चाँदनी
पूर्ण चन्द्रमा बना सिकंदर
-
तन मन सुन्दर चिंतन सुन्दर
पूर्ण चन्द्रमा बना सिकंदर
-
तन मन सुन्दर चिंतन सुन्दर
धरा हरी तो जीवन सुन्दर
माता का ममतापन जिसमे
रूप पत्नी सा अनुपम सुन्दर
रूप पत्नी सा अनुपम सुन्दर
-
बिटिया सी प्यारी न्यारी है
,प्यार है पाया सात समंदर
करते क्यों छलनी अवनी को
बिटिया सी प्यारी न्यारी है
,प्यार है पाया सात समंदर
करते क्यों छलनी अवनी को
हीरे मोती इसके अन्दर
-नारी की काया छाया से
जग में होता हर पल सुन्दर
नियति भी नारी का रूप
बहती सरिता महका अम्बर
बहती सरिता महका अम्बर
-
विनीता सम सरिता है रहती
सरिता से मिलता है समंदर
नारी का आश्रय मिलते ही
विनीता सम सरिता है रहती
सरिता से मिलता है समंदर
नारी का आश्रय मिलते ही
सुधरा जीवन हटे बवंडर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें